मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के 15 दिन बाद बुधवार को राज्य में सरकार गठन की संभावनाएं नजर आईं। देवेंद्र फडणवीस ने सत्ता में भागीदारी को लेकर एक बैठक बुलाई, इसमें शिवसेना के 6 मंत्री पहुंचे। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि पार्टी नेताओं का दल गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेगा। हालांकि, शिवसेना की मांग मुख्यमंत्री पद पर 50-50 फॉर्मूला लागू किए जाने की है। पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को अभी तक कोई भी प्रस्ताव नहीं मिला है। उधर, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी पार्टी और कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है और राकांपा की यही प्राथमिकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस स्थिति में नए विधायकों के शपथ ग्रहण के लिए अगले हफ्ते 3 दिन का विशेष सत्र बुलाया जा सकता है।
सत्ता में भागीदारी के नए समीकरण सामने आ सकते हैं- सूत्र
एक दल से जुड़े सूत्र ने न्यूज एजेंसी को बताया- भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर समझौते की उम्मीद जल्द है और मौजूदा विधानसभा सत्र खत्म होने से पहले सत्ता में भागीदारी के नए समीकरण सामने आ सकते हैं। दोनों ही दलों के बीच बातचीत जारी है और अगर सबकुछ सही रहा तो 9 नवंबर से पहले हम सरकार का गठन कर लेंगे।
हालांकि, सूत्र ने यह नहीं बताया भाजपा शिवसेना को क्या प्रस्ताव देगी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज एजेंसी से कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री के पद पर समझौता नहीं करेगी। शिवसेना और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद पर 50-50 फॉर्मूला को लेकर बात अटकी है। सेना कि मांग है कि भाजपा इस फॉर्मूला पर राजी हुई थी और दोनों पार्टियों के बीच यह पद साझा किया जाना चाहिए।
शिवेसना और भाजपा जल्द सरकार का गठन करें- पवार
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा- हमारी पार्टी और कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है। भाजपा और शिवसेना को सरकार गठन के लिए जनता ने वोट िदया है। इन दोनों को जल्द से जल्द राज्य में सरकार का गठन करना चाहिए। हम और कांग्रेस एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
पवार ने शिवसेना के साथ गठबंंधन कर सरकार बनाने के सवाल को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "भाजपा और शिवेसना दोनों 25 सालों से गठबंधन के साथी हैं। दोनों आज नहीं तो कल साथ आ ही जाएंगे। अगर हमारे पास संख्याबल होता तो हम किसी का इंतजार नहीं करते। कांग्रेस और राकांपा 100 का आंकड़ा नहीं पार कर पा रहे हैं। हम विपक्ष में बैठेंगे।' हालांकि, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हुसैन दलवई ने संजय राउत से मुलाकात की। उन्होंने दावा किया- बातचीत सकारात्मक रही। भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस और राकांपा को काम करना चाहिए।
सरकार गठन का रास्ता निकालने के लिए संघ से भी अपील
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार रात नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। इसी दिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने संघ प्रमुख को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने भागवत से आग्रह किया था कि वे सरकार गठन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मध्यस्थता कराएं, ताकि भाजपा और शिवसेना के बीच जारी विवाद का सहमति से हल निकल सके।